हर तरफ़ आग के गोले बरसाए गए, हर तरफ़ भीड़ को उकसाया सबने । हर तरफ़ सिसकती रही मजलूम सांसे कितनी, हर तरफ़ दंगो का लुत्फ उठाया सबने ।। #सुजीतकुमारमिश्राप्रयागराज ©poetsujeet #poetsujeet #shayri #सुजीतकुमारमिश्राप्रयागराज