आसुरी सम्पदा जो संसार को बिना ईश्वर के, अपने आप स्त्री पुरुष के के समागम से उत्पन्न समझ केवल काम को ही इसका कारण मानता है। सबका अपकार करता है। मैंने आज यह प्राप्त कर लिया और अब यह इच्छा पूरी कर लूंगा। मेरे पास धन है अब ऐसा कर लूंगा।मैं ईश्वर हूँ। मैं भोग भोगूँगा ।ये सब आसुरी सम्पदा वाले व्यक्तियों के लक्षण हैं।- श्रीमद्भगवद्गीता #गीताज्ञान आसुरी सम्पदा को जानें।