लबों पर कोई अर्ज़ी,न कोई फ़रियाद! आपकी हर मर्ज़ी मानना मेरा उसूल है। ख़ुदा जी! खुशियाँ दो या नवाज़ो दुःख से, जिस भी हाल में रखोगे मुझे क़ुबूल है। 🎀 Challenge-188 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 दो पंक्तियाँ, चार पंक्तियाँ या फिर 30 शब्दों में अपनी रचना लिखिए। 🎀 Font छोटा रखिए ताकि वालपेपर खराब न हो।