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आखिर कौन हो तुम? ★■★■★■★■

         आखिर कौन हो तुम?









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      READ IN CAPTION👇 3.तपश भरी वो ग्रीष्म की रात,
हिल भी न रहा था एक भी पात,
जाने मौसम क्यों आगबबूला हो गयी थी,
गर्मी अपना विकराल रूप ले रही थी,
पर गर्मी की परवाह किये बगैर 
घर के सारे सदस्य सो रहे थे,
सपनों की दरिया में सब खो रहे थे,
घर में एक अकेली मैं जाग रही थी,
         आखिर कौन हो तुम?









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      READ IN CAPTION👇 3.तपश भरी वो ग्रीष्म की रात,
हिल भी न रहा था एक भी पात,
जाने मौसम क्यों आगबबूला हो गयी थी,
गर्मी अपना विकराल रूप ले रही थी,
पर गर्मी की परवाह किये बगैर 
घर के सारे सदस्य सो रहे थे,
सपनों की दरिया में सब खो रहे थे,
घर में एक अकेली मैं जाग रही थी,
rupamjha5990

Rupam Jha

New Creator