मित्र... मन का इत्र, दुख के अंधियारों में, अंधेरे के गलियारों में, मन डूबा हो अंधियारों में, ले आए वो उजियारों में, मन की बात वो सुन पाए, आंखों की भाषा पड़ पाए, दुख के भाव सोख कर वो, आशा का दामन पकड़ाए,