ओढ़ लिबास-ए-जिस्म को अब तो जाने कौन है घूम रहा, खो पहचान को अपनी इंसां आज लहू को चूम रहा! -स्वरांजलि 'सावन' #बदलता_इंसां #nojoto #nojotohindi #poetry