दूध नहीं माताएं भारत में शौर्य पिलाती हैं , लोरी नहीं माताएं रणगाथाएं सुनाती हैं । भारत की माता बच्चों को ऐसा पाठ पढ़ातीं हैं , दुश्मन कांपे थरथर - थरथर , प्राण उड़ें दुश्मन के फरफर - फरफर ।। भारत की मिट्टी में जन्मा , हर लाल सिपाही होता है ।