जिन्दगी की तमन्ना तो कब की मर चुकी है जिन्दा हैं इसलिए कि उसकी जिम्मेदारियाँ कौन उठाएगा ©अरफ़ान भोपाली #standAlone #ज़िम्मेदारी #वक़्त #poetry