मर्दों के लिए फेमिनिस्ट बनना कितना आसान है ना, एक दिन उठ कर चाय बना कर दे दो सबको, श्रीमती जी ही नहीं, मोहल्ले भर की श्रीमतियाँ खुश हो जायेंगी। अब गलती से ये ना कहना कि चाय अच्छी नहीं बनी, वरना सारी फेमिनिस्ट महिलाएँ ही डिफेंड करेंगी कि चलो उसने ट्राय तो किया। यू नो मर्दों को फेमिनिस्ट का क्राउन कॉन्सोलेशन में भी मिल जाता है। लेकिन महिलाओं का सालों साल किया हुआ संघर्ष उन्हें खुद की निगाहों में इंसान नहीं बना पाता तो मर्दों को तो भूल ही जाओ वो इंसान समझ पायेंगे। श्रीमान जी तो अभी पड़ोस की औरत के एम्पोवेर्मेंट में ज्यादा रुचि लेते हैं, वक़्त मिलेगा तो शायद घर में भी झाँक लेंगे। #फेमिनिस्ट_कथा #YQbaba #YQdidi #MaleFeminists