बहुत दिनों बाद मैंने अपनी डायरी और कलम उठायी लिखने को, लेकिन अचानक से ख्याल आया कि डायरी में अपने जज्बात लिख दूँ ओर देश के बुरे हालात लिख दूँ या फिर किसी बदनसीब की बदनसीबी लिख दूँ या हर रोज जिंदगी को निगलती गरीबी लिख दूँ दिल ने कहा दहेज की आग पर लिख ओर क्यों बेटी कोख में रही है मर लिख लिख किस तरह इंसानियत मरती जा रही है दिन ब दिन प्रदूषण से सड़ती धरती जा रही है चरित्र किस प्रकार लोगों का हो रहा निहायत ही लूज है लिखूँ औरत घर से बाहर निकले तो क्यों नहीं महफूज है यहां पापी पेट की खातिर किसान मजबूर है मंडियों में बिकने को फिर सोचा लिख कुछ तो.................... अपने देश में तो बहुत कुछ है लिखने को अपने देश में तो बहुत कुछ है लिखने को #Diary_aur_kalam #untrained_shayar #Lahoria_Armaan