के उसका इश्क ही जुनून और जुनून फितरत मेरी, उसका इश्क ही जुनून और जुनून फितरत मेरी, उसके इश्क के जुनून मे एसे डूब से गए के बदलते मौसम मे हम ना बदल सके. सुबह होती हे मेरी उसकी यादो से, सुबह होती हे मेरी उसकी यादो से और घड़ी के काटे बढ़ते रहते हे उसके पैगाम के इन्तजार मे . रात को उस आसमान को देख के जोर से चिल्लाता हू के रात को उस आसमान को देख के जोर से चिल्लाता हू के फितरत मे लिख के भूल सा गया तू बस उसके इन्तजार मे गम सा दे गया, टू ना जाने ज़माने ने केसी ठोकर मारी के अकेला सा हो गया हू, नूर ऐ खुदा तेरी याद मे रो सा गया हूं केसे पागल से हे ये अजनबी लोग जब तेरी याद मे आंखें बन्ध कर के आँसू छुपाने की कोशिश करता हूँ के तेरी याद मे आंखें बन्ध कर के आँसू छुपाने की कोशिश करता हूँ और ये सोचते हे के तूझे भुला कर बदल ते मौसम मे बदल सा जाता हूँ वो क्या जाने मेरे इश्क के जुनून को वो जीते भी मर के हे और मे मर के भी तेरे इश्क मे जीता हू .. #जुनूनइश्कका