मेरी हर ख्वाहिश को तार - तार किया था अरे रहने दो यार मुझसे किया था और मैंने एक बिंदी लगाने को कहा था माथे पे. उन्होंने किसी के लिए सोलह शृंगार किया था ©Cm Awasthi #romamticpoetry #Eid-e-milad