तुमने ज़रा देर कर दी ज़िंदगी में आने में आकर भी 'हाल-ए-दिल' मुझे सुनाने में कश्ती साहिल तक पहुँच ही जानी थी देर कर दी नौका समुन्दर में उतारने में बढ़ चले थे क़दम मंज़िल की तरफ़ ही ग़लती की राह में बैठ समय गँवाने में भाव तो उमड़ रहे थे कब से मन में देर कर दी कलम उठाकर लिखने में प्रेम का एहसास तो था मन ही मन में ग़लती की एक-दूजे से उसे छिपाने में तुमने ज़रा देर कर दी ज़िंदगी में आने में आकर भी 'हाल-ए-दिल' मुझे सुनाने में Muनेश...Meरी✍️🌿🌹 तुमने ज़रा देर कर दी चलो देर हो जाती है... #देरकरदी #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi