#ये ☝तो #समय_का ⏱ फेर था, वरना #मोहब्बत ❤ तो मेरी भी #सच्ची_थी , #इश्क के #बंधन_में लाख #बांधना चाहा, लेकिन #किस्मत की डोर ही #कच्ची_थी shayari #### from kapil