वह पुच्छल तारा आसमान का टूटा सा वह टहनी अपने ही तरुवर से छूटा सा वह घुप्प अंधेरे में एक नन्हा जुगनू सा वह जैसे कोने में रखा एक मंजूषा ©Kavi Kumar Ashok #poetkumarashok #kavikumarashok #hindishayari #kumarashok #Hindistory #hindipoetry #kavita #कविकुमारअशोक #Dark