बिखरती हूँ, सवरती हूँ... तेरे नाम सुनते ही फूल-सी महकती हूँ.... उछलती हूँ, कूदती हूँ... तेरे पास आते ही दो पल थम-सी जाती हूँ... हँसती हूँ, मुस्कुराती हूँ... तेरा चेहरा देख गीत प्यार का कोई गुनगुनाती हूँ... मानो ये बदलते रंग मेरे, मैं खुद भी न कभी समझ पाती... गर उस रोज नजरों का मिलना और मेरे दिल का धड़कना एक साथ न हुआ होता... 💕💕 #119thquote