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जो मिल ना सके वो नजारे हम कुछ नहीं नदी के दो किन


जो मिल ना सके वो नजारे हम 
कुछ नहीं नदी के दो किनारे हम

बहते तो हम आज भी रवानी में
जिन्दगी की उल्झी कहानी  हम

इमारत ढहता रहा मोहब्बत का 
सिसकती दिवारों की जवानी हम 

कभी दोनों तरफ उठा था धुआं 
उसी मोहब्बत की चिगांरी हम 

सफर जारी है मंजिल पाने की
Queen उसी कदमों की निशानी हम !!! ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1035 #collabwithकोराकाग़ज़

♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊

♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा।

♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।

जो मिल ना सके वो नजारे हम 
कुछ नहीं नदी के दो किनारे हम

बहते तो हम आज भी रवानी में
जिन्दगी की उल्झी कहानी  हम

इमारत ढहता रहा मोहब्बत का 
सिसकती दिवारों की जवानी हम 

कभी दोनों तरफ उठा था धुआं 
उसी मोहब्बत की चिगांरी हम 

सफर जारी है मंजिल पाने की
Queen उसी कदमों की निशानी हम !!! ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1035 #collabwithकोराकाग़ज़

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swetakumari9595

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