रात को जब बिजली चली जाती हैं सृष्टि चौरसिया चुपके से आती हैं नंगे बदन चुमू होंठ मुस्काती हैं उत्तेजित होकर सीने से लगा जाती हैं लाज शर्म और लिहाज दिन में रात में सृष्टि मस्तानी दीवानी बन जाती हैं दिल को ख़ुश करतीं हैं ख़ुश हो जाती हैं आधी रात सृष्टि बिस्तर में पसीने से नहाती हैं गोरा बदन उसपे पसीने की बुँदे चाँद के सीने से लगी चाँदनी चमचमाती हैं रात भर करता हूँ सृष्टि चौरसिया के साथ मौज मैं दीप रोज रात सृष्टि मेरा बिस्तर सजाती हैं ©Deep Bawara yq मुर्दाबाद #erotica #eroticapoetry #सृष्टि_चौरसिया #सृष्टि_गौतम #yqdidi #yqbaba #तन्हा_रातें #nojotoapp