#MessageOfTheDay अगर अपकी जरूरतें, सोंच, स्वाभिमान व सम्मान न्यायसंगत हो सकता है तब दूसरे का क्यों नहीं ! अगर आपका हर तरीका और व्यवहार सबके साथ तर्कसंगत हो सकता है तब सामने वाला का क्यों नहीं ! हाँ, यही न्यायसंगतता और तर्कशीलता ही हमारे दृष्टिकोण का निर्माण करती हैं; यदि हम इनको आत्मसात कर लें तो आपमें वह सब पा लेने की योग्यता आ जाती है जिसकी आप अपेक्षा करते हैं, इच्छा रखते हैं और सपने देखते हैं। mtv_2007 ©uvsays #mtv_2007 #uvsays #youarefigterbybirth #attitudematters #JustifiedByFaith #logicalthinking #loyaltyiseverything #MoralityMatters #deservebetter