अब ना कोई ख्वाइश है अधूरी-सी... ना शौक है कुछ पूरे होने का! हम तो खुद से उम्मीद लगाए बैठे है... तकदीर को मुझसे मिलने आने का!! #dearzindgi #मेरे_अल्फ़ाज़