आज खुद को लाल जोडे मे सजाया है मैंने किसी की नजर ना लग जाए, इसलिए काला टीका भी लगाया है मैंने इन आंखो के कजरे से लेकर बालो के गजरे तक मे उनकी इत्र को छुपाया है मैंने और इन ढलती रातो के साथ अपनी इश्क की मोहब्बत को उन पर लुटाया है मैंने ©Vaishali Srivastava #Randomly written