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उठ जाग देख तुम दुनिया को, कितना आगे वो चलता है, खा

उठ जाग देख तुम दुनिया को,
कितना आगे वो चलता है,
खामोशी का क्यों लिया सहारा,
ये दिल को दहलाता है,
तुमको खाली बैठ देखकर,
 वक्त बहुत शर्माता है|

करो ना भाग्य पर भरोसा तुम,
सबका एक साथ ना चलता है,
किसी को गाड़ी, किसी को बंगला,
यह देख क्यों ललचाता है,
तुमको खाली बैठ देखकर,
वक्त बहुत शर्माता है|

कह गए प्रभु जी लोगों से,
कोई किसी का ना होता है,
खुद के बल पर ही सबको,
हर काम को करना पड़ता है,
तुमको खाली बैठ देख कर,
वक्त बहुत शर्माता है|
                    ✍ राधे...... #own_poem
उठ जाग देख तुम दुनिया को,
कितना आगे वो चलता है,
खामोशी का क्यों लिया सहारा,
ये दिल को दहलाता है,
तुमको खाली बैठ देखकर,
 वक्त बहुत शर्माता है|

करो ना भाग्य पर भरोसा तुम,
सबका एक साथ ना चलता है,
किसी को गाड़ी, किसी को बंगला,
यह देख क्यों ललचाता है,
तुमको खाली बैठ देखकर,
वक्त बहुत शर्माता है|

कह गए प्रभु जी लोगों से,
कोई किसी का ना होता है,
खुद के बल पर ही सबको,
हर काम को करना पड़ता है,
तुमको खाली बैठ देख कर,
वक्त बहुत शर्माता है|
                    ✍ राधे...... #own_poem