मंजिल की हैसियत आंककर, जकड़े पाँव ही सही कदम तो बढ़ाओ। जूनून को हवा देकर हौसलों का, हौसलों के सागर में डुबकी तो लगाओ। गर्दिश-ए-रेगिस्तान की तपिश में, कतरा-कतरा जला,बुलंदियो की इबारत लिख डालो। ✍️आशुतोष यादव #संघर्षो_के_साए_में_इतिहास_हमारा_पलता_है #हौसलाबुलंदकर #हौसला_बुलंद #मंजिल_का_सफर #कदम_बढ़ा_तू #बुलन्दहौसला Amita Tiwari🎤✍️🎸