छोटा सा आसमान इक , मेरे घर के ऊपर है ढेरों चाँद-सितारे , इसकी झोली में हैं कोयल की आम के पेड़ों में कूँक अमरूद जो आधा गया है सूख वो मोगरे के फूलों की महक चिड़ियों की चूं-चूं , गूँजती चहक मेरी खिड़की से चाँदनी का , मेरे बिस्तर पर उतरना हर सुबह का , मेरे आंगन में सँवरना अशोक के पेड़ों की घनी सी छाया पल-पल मेरा जो , इस घर में बिताया.... ढेरों यादें , ढेरों सपने... उस मेरे शहर में , मेरे बचपन का घर मैं , और मेरे अपने #MeraShehar