कुछ दास्तान जो सिर्फ सपने थे बिखरे पड़े वो लोग हमारे अपने थे , जिंदगी कि धूप में जब ये सब कुछ शामिल था तो कब हमें खुशी के ख्वाब देखने थे। #दास्ताने जिंदगी