तेरी मुस्कुराहट का कायल हूँ मैं । जैसे हँसी थी तू सो घायल हूँ मैं । पेशी इश्क की जरा सोचकर करना , तेरे जवाबों का भी सायल हूँ मैं । ©Ambreesh AMBAR #ambar ki #kavita