जख़्म दिल का अक्सर रुला देता है, बाँटो दर्द जिसका, वही शख़्स दुआ देता है। जिन्हें पहचानने में गलती करती हैं आँखें, वक्त उनका असली चेहरा दिखा देता है। जब भी खुद पर गुमान होता है चाँद को, बादल उसे अपनी ओट में छुपा देता है। ©जीवन बिलासपुरी #jeevanbilaspuri #ज़ख्म