(जिंदगी का जिंदगी से वास्ता जिंदा रहे..).. जिंदगी का जिंदगी से वास्ता जिंदा रहे , जहाँ तक है तलब हमारा हौसला जिंदा रहे मिटा दे अंधकार रूपी ईर्ष्या ,क्रोध के भाव को , बस सदा ही बहार मॆं प्रेम समरसता रहे खुद से खुद को मगरूर तो रखे जरा , बुलंदियों को छूने का हौसला रहे , स्वप्न को साकार कर लिखने की कला को जीवंत किए , हम रहे या न रहे गर हमारी कविताओं का सार रहे , जिंदगी का जिंदगी से वास्ता रहे । # स्वातिकीकलमसे । #Zindagipoem #swatikikalamse..