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#OpenPoetry वो मुस्कुराता चेहरा न जाने क्यों मायू

#OpenPoetry वो मुस्कुराता  चेहरा न जाने क्यों मायूस लगता है
न जाने किस कशमश में डूबा हुआ सा लगता है
जिसे देख सुबह हर गम से उबर जाने हौसला आता था
होगी कोई परेशानी, गम ,कश्मकश या कुछ और ही
जाने क्यों  वो परिंदा मुझे पिजरे में कैद नजर आता है
काश ये हो मेरा वहम मैं ,उन्हें इस तरह से न जानता हूं
मेरी खुशियों का साथ हो ,उनके ,उनके सारे गम खुदा से  माँगता हूं
जीवन जिनका मेरा आदर्श हो, उनके लिए बस इतना चाहता हूं
मुस्कुराती सुबह हो,खिलखिलाता दिन, ठहाको से भरी हर शाम हो। 
 ख़ुदा की इबादत कर बस यही चाहता हूं बस यही चाहता हूं।

अभिषेक क्षितिज #नोजोटोहिन्दी #nojotohindi #shayri #kavita #vichar #poetryformyteacher #uljhan #hindikavita #writters #hindiwritters #groupsofhindi
#OpenPoetry वो मुस्कुराता  चेहरा न जाने क्यों मायूस लगता है
न जाने किस कशमश में डूबा हुआ सा लगता है
जिसे देख सुबह हर गम से उबर जाने हौसला आता था
होगी कोई परेशानी, गम ,कश्मकश या कुछ और ही
जाने क्यों  वो परिंदा मुझे पिजरे में कैद नजर आता है
काश ये हो मेरा वहम मैं ,उन्हें इस तरह से न जानता हूं
मेरी खुशियों का साथ हो ,उनके ,उनके सारे गम खुदा से  माँगता हूं
जीवन जिनका मेरा आदर्श हो, उनके लिए बस इतना चाहता हूं
मुस्कुराती सुबह हो,खिलखिलाता दिन, ठहाको से भरी हर शाम हो। 
 ख़ुदा की इबादत कर बस यही चाहता हूं बस यही चाहता हूं।

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