तू मुझ में सुबहो शाम सी है, तू गंगा पावन धामं सी है, मैं सागर होकर भी एक बुन्द में सिमट जाऊँ, तू जो लेहर लेहर समुन्द्र की मुस्कान सी है, मैं वो रात अंधेरी बन जाऊँ, तू जो निकले बनकर चाँद मैं सवर जाऊँ, तेरी बाते बरसात सी है, मेरी ज़िन्दगी की मीठी शुरूआत सी है, तेरी चुनरी धूप में शीतल सी, तेरी गोद मुलायम तकिये सी, तेरी जल्फो की छाँव में, मैं तुझमें कही खो जाऊँ, मैं तुझमें छलकू नील अम्बर सा, तू मेरा संगम हो जाये, तू मुझ में सुबहो शाम सी है, तू गंगा पावन धामं सी है, tu mujh mein #nojoto