कोई सुकून फरमाता है यहाँ किसी ने रखा अपना साज़-ओ-सामाँ भी है ये मुंबई कि सड़क सिर्फ सड़क नहीं सड़क किनारे घर खरीदने का किसी का अरमान भी है. किसीके मेहनत को देती अंजाम भी है तो करता कोई अजम-ए-सफर भी है अजनबी यों से भी होती है दोस्ती इसकी इस सड़क की उम्र कभी होती नहीं है. ले चलीं है सड़क जहाँ जाता वहाँ से कोई नाराज भी है ये रोजमर्रा की मुश्किलों से आगे बढने को ये सड़क देती रास्ता भी है. कोई मजबूरी से आता है कोई होता मजबूर भी है इस सड़क पर सुरज ढलने के बाद कोई सुकून से सोता भी है. "ये मुंबई कि सड़क सिर्फ सड़क नहीं " #sadak #Mumbaikizindagi #Mumbaikisadak #mumbaikar #shayari #mumbaipoetry #Mumbaishayari #hindipoetry