प्रभु दर्शन जब दिन आए, हाथ में अपने थाल सजाए, करूँ आरती अपने भगवन की, दिल तो मेरा बस यही चाहें, चरणों में फूलों का अर्पण, बस दिल से हो एक समर्पण, रोम-रोम में कृष्ण समाए और कहीं कुछ नजर ना आए, ©दिव्यांशी त्रिगुणा "राधिका" #WinterSunset #NojotoHindi #प्रभुदर्शन