***किसने रोका है तुम्हें *** क्यों हुआ है तू निराश क्यों छोड़ दी है तूने जीतने की आस इतना भी क्या कठिन है जीवन ? मन में तेरे भरी है ऊर्जा अनल आसमां है विस्तृत विशाल जला मन में विश्वास की मशाल संघर्ष से न डर , साहस कर भय भी डरे ऐसा आत्मविश्वास मन में भर जहाँ थक कर बैठ गया था तू उठ वहीं से फिर शुरुवात कर तू तू हारा नहीं है न हार सकता है मंजिल को पाये बिना कैसे तू चैन पा सकता है अपनी ताकत पहचान भर होंसलों की उडान किसने रोका है तुझे बन अपना भाग्यविधाता तू आप किसने रोका है तुझे .......... Queen ***किसने रोका है तुम्हें *** क्यों हुआ है तू निराश क्यों छोड़ दी है तूने जीतने की आस इतना भी क्या कठिन है जीवन ? मन में तेरे भरी है ऊर्जा अनल