कई जन्मों की मन्नतों के बाद मिला मुझे मेरा हसीन साथी! ज़मी सँग आसमाँ जैसे वो मेरे सँग चले बनकर मेरे हमराही! रूह सच्ची, प्यारी सूरत, दिलकश अदा, मन है जैसे खाड़ा पानी! बरसों पुराना नाता हमारा, और एहसासों से जुड़े है ये दो प्राणी! वो दीवाना वसंत का, हवाओं से प्यार, हर मौसम का छाया उसपे ख़ुमार है! गुनगुनाती है धड़कने उसकी हरपल ख़ुशनुमा सा रहता उसका मिजाज़ है! चमत्कार सा लगता हर रोज़ मुझे, लगता जैसे हर सपना होता साकार है! एक एहसास दो जज्बातों से बँधे हमदोनों जैसे बँधे सिया और राम है!— % & ♥️ Challenge-854 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।