अन्तर्यामी। (हाइकु) *********** अहमियत तब तक अपनी ध्याते है उसे **************** पूछते सभी पता उसका पर मनाते उन्हें **************** धारते सब पुकारते क्षणिक अलख है वे **************** अश्रु की भाषा जानते है शिवायः लेते अंक मे **************** स्वरुप है हम तुम भी वो ही पर त्रस्त,भटके...!!! सुधा भारद्वाज "निराकृति" विकासनगर,उत्तराखण्ड "सर्वाधिकार सुरक्षित" ©सुधा भारद्वाज #अन्तर्यामी