वक़्त की आंधी जब उम्र को राख बना उड़ा देती हैं तब ह्रदय के कण कण में एक धूल का गुबार बन जाता हैं और उस गुबार में धुँधली पड़ जाती हैं ना जाने कितनी ही यादें, उन यादों को ढूंढने निलकते हैं जब स्वप्न तब एक दूसरे को पाने की तड़प में दोनों की विरह की अग्नि में जल जाते हैं,अधूरा रह जाता हैं फिर "प्रेम" पूजा अरोरा हरिद्वार।। ©Pooja arrora #love❤️ #Yadainpoetry #udasi #👌💓💓💓 #OneSeason