कुछ आस्तीन के सापों के इरादे काफी बढ़ चले है शायद कमबख्त जोगियों को काटने चले है ✍️धर्मेंद्र बिष्ट कुछ #आस्तीन के #सापों के #इरादे काफी बढ़ चले है #शायद #कमबख्त #जोगियों को #काटने चले है ✍️धर्मेंद्र बिष्ट