राह देखते-देखते जब आंखें थक गई। उम्मीदें भी पक गई। खामोशियों ने फुसफुसाना शुरू किया। और जिंदगी चलते चलते थक गई। यही वह मंजर था। यही वो मुकाम था। जिसकी तलाश में। हर कोई बदनाम था। तनहा शायर हूँ - यश . ©Tanha Shayar hu Yash #tanhashayarhu #TANHAPOEM #tanhashayri #tanhakavita #Light