मतलबी दोस्त मतलबी है लोग यहाँ मतलबी से दोस्त हैं कहने को सब है जानते क्यूँ...अजनबी से दोस्त हैं चेहरे ढके नकाब से जुबान के हैं दोगले पीठ पीछे वार करते क्यूँ...फरेबी से दोस्त हैं अपना-अपना मकसद अपनी-अपनी साजिशें अपनी-अपनी हसरत अपनी-अपनी फरमाइशें अपनी-अपनी आदत से.... मजबूर है,गर सब यहाँ फिर ओरों का हक छीन कर.... क्यूँ ? पूरी करते ख्वाहिशें #MatlabiDost #December #दिसम्बर #kaarigar_kalam_ka