चांदनी रातों में, चांद आया था पास.. दिल की बातें किया, फिर ज़ुदा हो गया.. हम उम्मीदें लगाएं, किए इंतज़ार.. चांद आया नही, बीते कितने है साल.. तुम्हीं अब बता चांद, मैं क्या करुं.. किससे शिक़वा करुं, क्या शिकायत करुं.. दिल के ज़ज्बातों का, क्या बयां मैं करुं.. #अजय57