*बहती नदी सा वक़्त* बहती नदी सा वक़्त किनारे पे मेरा घर है। कभी ज्वार-भाटा आएगा बस यही डर है। मैं हिम्मत हूँ और तू मेरी ताक़त है। लहरों की हर आहट पर मेरी नज़र है। मैं तैर कर निकल जाऊँगी उस पार साथी। जिस पार मेरी ख़्वाहिशों का नगर है। क़सम खाई है हमने वक़्त के साथ चलने की। अब ना रात उतनी है और ना दूर सहर है। 'नेहा' तू सफ़र है चाहतों का ख़ुशियों का दर है। दुनिया का क्या मुझे तो अपनी ख़बर है। #कोराकाग़ज़ #kkबहतीनदीसावक़्त #kkजन्मदिनमहाप्रतियोगिता #जन्मदिनकोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #yqbaba #yqdidi #neha