महफ़िल सजती है जब कुछ अतरंग दियो की.. गहरी होती जाती है अपनी दोस्ती.. बुझने नहीं देते जो हमे ऐसी उनकी यारी है.. एक दोस्त ही हमारा सब अंधेरे पर भारी है.. #महफ़िल #सजती #अतरंग #दियो #गहरी #अपनी #दोस्ती..#बुझने #नहींदेते #यारी #दोस्त #अंधेरे #भारी