" तुम आये हो दर पे मेरे , चलो आज इसकी आगाज करते , बात कुछ ठहरी सी हैं किसी बात पे , इस सिलसिला को चल कोई नाम देते हैं , रुत आयेंगे रुत जायेगी कसमेकस कुछ ख्याल तो हो , तेरे ख्यालों का पैमाना चल कुछ छलक जाये तो क्या बात , तेरे अल्फ़ाजो में कुछ मेरी बात हो जाये तो क्या बात होगी , हसरतें ख्याल कुछ कर सही फिर वो बात क्या क्या बात होगी ?. " --- रबिन्द्र राम OPEN FOR COLLAB✨ #ATchaibg2 • A Challenge by Aesthetic Thoughts! ♥️ Collab with your beautiful words.✨ • Must use hashtag: #aestheticthoughts • Please maintain the aesthetics.