सोने की तैय्यारी है, हसी ख्वाॅब लिए ऑखो में मगर नींद नही आ रही है, रात कट रही बातो में कुछ सवाल जवाब हो रहे है, दोनो के दरमियाँ दिलोदिमाग की वजह से, फस गया हूँ उलझनों में कभी दिल, कभी दिमाग हावी हो रहे एक दूजे पे नतीजों का पता नही पर मै जल रहा हूँ पसीनों में झकझोरकर रख देती है तबीयत कुछ इस तरह की आदत सी हो जाती है डूब जाने की पैमानों में ऐ खुदा, दरख्वाॅस्त है, या तो दिल दे या दिमाग एक म्यान में दो तलवारे सजती है सिर्फ गानों में सोने की तैयारी है एक कवि सोते-सोते भी कविता ही लिख रहा होता है। सोने की हर किसी की तैयारी अनोखी होती है। लिखें अपने क़िस्से। #सोनेकीतैयारीहै #challenge #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi#सोनेकीतैय्यारीहै