मैं बात करूं मर्यादा की,श्री राम भले तुम बन जाना। गंगा सी पावन सीता को ,पावक में लेके मत जाना॥ मैं बात करूं यदि भक्ति की,भक्त विभीषण बन जाना। पर शत्रु के संग मिल कर ,लंका छोढ़ के मत जाना॥ मैं बात करूं यदि राखी की, तुम भले दशानन बन जाना। पर प्रतिशोध की ज्वाला में सीता को हरने मत जाना॥ मैं बात करूं यदि वचनो की, तुम चाहें दशरथ बन जाना। प्राणों से है वचन बड़ा , इस अहंकार को खा जाना॥ मैं बात करूं यदि भ्रात प्रेम की,भरत भले तुम बन जाना। पर प्रजा को छोड़-छाड़ के, श्री राम के पीछे मत जाना॥ #NojotoLucknow