परिदों को खुला आसमान दो, सपनों को परिंदो सी उड़ान दो। रोज़ आता है सूरज सबेरे उजाला लेकर, कुदरत से सीखो जीवन को नया मुक़ाम दो। दिल में जोश लेकर चलो मंज़िलों की तरफ, सफ़र की मुश्किलों पर न क़भी ध्यान दो। परिदों को खुला आसमान दो, सपनों को परिंदो सी उड़ान दो। रोज़ आता है सूरज सबेरे उजाला लेकर, कुदरत से सीखो जीवन को नया मुक़ाम दो। दिल में जोश लेकर चलो मंज़िलों की तरफ, सफ़र की मुश्किलों पर न क़भी ध्यान दो।