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कण-कण में विद्यमान हो, सारी सृष्टि का सार हो बेजुब

कण-कण में विद्यमान हो, सारी सृष्टि का सार हो
बेजुबानों की मुस्कुराहट हो,तो मौन में भी तुम संवाद हो
शून्य से लेकर अनंत तक,आप ही तो समस्त ब्रह्मांड का आधार हो
आवाज जब भी दूं आप मेरे पास हो, फिर भला कैसे कहूं "कहाँ हो भगवान" 🎀 Challenge-362 #collabwithकोराकाग़ज़

🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 

🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 

🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 4 पंक्तियों अथवा 25 शब्दों में अपनी रचना लिखिए।
कण-कण में विद्यमान हो, सारी सृष्टि का सार हो
बेजुबानों की मुस्कुराहट हो,तो मौन में भी तुम संवाद हो
शून्य से लेकर अनंत तक,आप ही तो समस्त ब्रह्मांड का आधार हो
आवाज जब भी दूं आप मेरे पास हो, फिर भला कैसे कहूं "कहाँ हो भगवान" 🎀 Challenge-362 #collabwithकोराकाग़ज़

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