मुझे 'प्रेम' हैं, उन, जलती बेटियों ,बिकती रोटियों, सड़ती लाशो , गलती माँसो, रोते किसानो,मरते जवानो, या यों कहें.... इस पूरे 'राष्ट्र' से... शायद तभी ,'दर्द' होता है... इनके विनाश पर... और लिखता हूं ... विनाश कर्ताओ के विरुद्ध जिससे तुम 'हमें' उपाधि देते हो..... सरकार ,धर्म , देश या, समाज विरोधी का... तुम्हारे दिए,ये सभी उपाधि सहर्ष स्वीकार करता हु ... और, शपथ लेता हु.... आगे भी लिखता रहुगा.... प्रलय के, अंतिम क्षणों तक, तुम्हारे उपाधियों के 'फिक्र,' किये बगैर..... -©कुमार दुष्यंत #NojotoQuote #shapath