मचा हुआ है क़ोहराम आज सारी की सारी ही दुनियाँ में, छाया है कोरोना का कहर और हाहाकार पूरी दुनियाँ में। मौत और बीमारी के डर के साए में जी रहा है हर कोई, संभल कर रहे जिंदगी अनमोल है हर किसी की दुनियाँ में। 🌝प्रतियोगिता- 206🌝 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌹"क़ोहराम"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I