पहुंच जाती है तू वहीं,जहाँ मैं तुझे जाने से रोकता हूँ... पहुंच जाती है तू वहीं,जहाँ मैं तुझे जाने से रोकता हूँ... पता नहीं क्यों, मेरी बात को टालना तेरी आदत में, शुमार हो गया है ... ।। -Amit Lodhi